योग फ्रन्ट संस्था द्वारा योग कानून आंदोलन चलाया गया जिसका उद्देश्य न केवल योग कानून के बारे सबको जागरूक करना अपितु जनआन्दोलन के माध्यम से सरकार को जगाना भी था। और इस आंदोलन के लिए भारत के सभी योग संगठनों को आमंत्रित किया गया था। जिसमे वास्तव मे योग संघर्ष मे शामिल सभी योग संगठनों, संस्थाओं तथा योग पेशेवरों और जनता मे पूरा सहयोग दिया ।
जिसका नतीजा यह रहा भारत के हर कोने तक योग कानून आंदोलन की जानकारी तो पहुंची ही साथ ही साथ सरकारी अधिकारियों और मंत्रालयों तक भी बात पहुंची और सरकार के कई अधिकारी इतने बढ़े आंदोलन को देख उत्तर देने के लिए विवश हो गए जो अधिकारी पहले उत्तर तो दूर योग कि बात तक नहीं करते थे।
इस आदोंलन मे
- राज्यस्थान योग शिक्षक संघर्ष समिति
- अखिल भारतीय योग संघ
- उत्तराखंड योग प्रशिक्षित बेरोजगार संघ
- छत्तीसगढ़ योग शिक्षक संघ
- योगा लवर्स ट्रस्ट
- पाठशालाएं
- महाविद्यालय आदि शामिल हुए
और 2600 से अधिक पत्रों के माध्यम ने सरकार को उत्तर देने के लिए विवश कर दिया ।