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Before yesterdayMain stream

A Complaint to Cyber Laws & E-Security MeitY Gov. India

11 November 2022 at 05:30
A year ago, an application was made by the Yoga Front organization to the Facebook company to remove the sign of shoes for yoga from its social media. But this was not done by Facebook, so not only Facebook but all social media all come under cyber law and e-security department, due to which Yoga Front organization was informed about this by registering a complaint to the department. Therefore, this work has been handed over by the department to "V. Chinnasamy" who is a scientist in the department.

Complaint to Department of School Education and Literacy (Higher Education)

14 September 2022 at 19:31
espected Authorities, In New Education Policy you mentioned about Yoga Education two times. But there is no reference about who can eligible for teaching Yoga to school students. What NEP stands for the teachers those have attained Graduation or Post Graduation Degrees in Yoga? Secondly yoga is not only an exercise and not even Ashtang Yoga only. Its much more than these so how and at which level of yoga will be studied in Schools by NEP. Will they get education of Different yoga forms, Different Yoga Techniques more over shall they get education about Morals Values as explained by Maharishi Patanjali and Maharishi Ghernda? Shall they get a practical knowledge about Yamas and Niayamas? Can NEP unit Eat Right India & Yoga Diet and teach students in schools about right cooking and good eating habits and adopt yoga to digest them is healthy way? How yoga has been introduced in NEP? Is it a separate compulsory subject, separate choice subject, part of physical education or separate compulsory subject with choice b/w Yoga and Physical Education?

विधान और सम्मान के साथ योग उत्तान हेतु समर्थन

15 September 2022 at 10:12
एक लंबे समय से योग मे योग शिक्षकों की लड़ाई लड़ रहे उत्तराखंड योग प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के अथक प्रयासों और सभी आंदोलन मे बैठे योग शिक्षकों को योग फ्रन्ट संस्था भारत के सभी सदस्यों की और से नमन एवं साधुवाद। लगभग डेढ़ वर्ष से अधिक समय हो चुका है, आपके साथ आगे बढ़ते हुए और पिछले लंबे समय से आपके चलते आंदोलन को देखते हुए हमें और बल और आत्मशक्ति मिलती है, आगे और अच्छे और बेहतरीन रूप से तैयारी कर योग कानून की मांग को और मजबूती के साथ रखने की। जिसमे हम हमारी लड़ाई न केवल न्यायालय, राष्ट्रपति महोदया अपितु संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद तक पहुंचाने हेतु कार्यस्त हैं। जिससे सभी योग क्षेत्र की समस्याओं का जड़ से समाधान संभव होगा । इस अधिकारों की लड़ाई मे आप हम सब न केवल योग शिक्षकों अपितु आम जनमानस की सुरक्षा की लड़ाई भी लड़ रहें हैं। इस लड़ाई मे यहाँ हम योग कानून की मांग के साथ, भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के हनन के खिलाफ एक मोर्चा खोले हूएं हैं वहीं आप स्वतंत्रता संग्रामियों की भांति गलत नीतियों के खिलाफ और योग शिक्षकों के अधिकारों के लिए एक आंदोलन लिए लड़ाई लड़ रहे हो। यह लड़ाई सम्मान और विधान की है अतः मिल कर ही लड़ी जानी चाहिए। अतः आपके इस संग्राम रूपी यज्ञ मे योग फ्रन्ट संस्था एवं संस्था के सभी सहयोगी संस्थानों को साथ लिए आपके साथ है। जहां हम अपने उत्तराखंड भाई-बहनों के इस पावन यज्ञ मे सहयोग रूपी आहुति डालने के सक्षम हैं हम आपके साथ हैं। निसंकोच आगे बढ़ें और इस आंदोलन को अपने अनुभव और नेतृत्व मे आगे बढ़ाएं। यही उचित समय है अपनी शक्ति और अपनी शिक्षा का परिचय करवाने का । आपसे निवेदन है कृपया दो बातों का विशेष ध्यान रखें किसी भी प्रकार से किसी को भी शारीरिक क्षति न पहुंचे और न ही आंदोलन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान हो । भाव कानून एवं व्यवस्था को ठेस न पहुंचे । राजनैतिक लाभों से जुड़े लोगों वं संगठनों से दूरी बनाए रखें। यही लोग थोड़े से लाभ के लिए आपके काम को अपने नाम के लिए इस्तेमाल कर लेंगे । अग्रिम लड़ाई हेतु आपके साथ

Dr Kamal Jyoti

आज दिनांक 3 अक्टूबर 2021 को डॉ कमाल ज्योति जी ने केन्द्रीय सलाहकार विभाग के अध्यक्ष के रूप मे शप्त ग्रहण की और योग फ्रन्ट संस्था की अखिल भारतीय योग शिक्षक मानवाधिकार समिति के प्रथम केन्द्रीय सलाहकार के रूप मे पद ग्रहण किया। 

Truth Of NYSF

प्रिय भाई बहनो प्रणाम!

कुछ लोग नैशनल योगासन स्पोर्ट्स फेडरेशन के बारे में बहुत गलत प्रचार करते हैं और उससे इस फेडरेशन का नाम खराब हो रहा है। वास्तव में यह फेडरेशन निजी फेडरेशन हैं जो देश के जाने माने योग के व्यवसाइयों ने बनाई है और इसको अपने राजनीतिक सम्बन्धों के चलते स्पोर्ट्स ऑथिरिटी ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त करवा कर खिलाड़ियों के भले के लिए कार्य कर रहे हैं। परन्तु कुछ लोग इनको सरकारी संस्था बता कर लोगों के समक्ष इनकी छवि खराब कर रहे हैं।
आएं सुने यह ऑडियो क्लिप। 

Truth about YCB

 सभी श्रोताओं को भाइयों बहनों वं जनसमाज को हमारा प्रणाम।

आज का विषय बहुत ही ज्ञान वर्धक है हम चाहेंगे कि आगे बढ़ने से पहले आप इस ऑडियो कॉल को अवश्य सुन ले। 


आपने सुना?

  • योग सर्टिफिकेशन बोर्ड केवल एक सर्टिफिकेट लेवल है कोई योग की अकैडमिक शिक्षा नही।
  • इसका केवल वही परियोजन है जैसे nss, ncc आदि का माना जाता है।
  • इसके लिए कोई नियुनतम शैक्षणिक योग्यता निर्धारित नही है।
  • पैसे कमाने के लिए कुछ लोगों द्वारा सरकारी अधिकारियों के साथ मिल कर सबसे बड़ा षडयंत्र है।
  • YCB कोई अकैडमिक शिक्षा न होने के पर न ही ugc मान्यताप्राप्त होने पर आपको योग शिक्षक कैसे बना सकती है?
  • YCB कोर्स करने वालों को नौकरी कैसे मिल सकती है जबकि उसी विषय मे स्नातक वं स्नातकोत्तर बेरोजगार है।



एक सरकारी अधिकारी द्वारा सभी UGC मान्यता प्राप्त संस्थानों वं योगाचार्यों की योग्यता पर सवाल

सभी पाठकों को प्रणाम !

आज का विषय है एक अधिकारी द्वारा सूचना हेतु संपर्क करने पर अधिकारी द्वारा गलत प्रकार से वहवहार
करना । गतदिवस योग शिक्षक द्वारा एक आर टी आई के माध्यम से कुछ जानकारी मांगी गई थी केंद्र सरकार द्वारा जिसमे केंद्र सरकार ने उत्तर देते हुए कहा था कि इतने लाख रुपए की राशि से केंद्र सरकार ने पंजाब
सरकार की योग शिक्षकों वं आयुष अस्पताल के विकास के लिए दी है आगे कि जानकारी हेतु केंद्र सरकार द्वारा वह पत्र पंजाब सरकार के अधिकारी को उनके नाम के साथ आगे विभाग मे भेज दिया गया और कहा गया कि इस विषय मे आगे जानकारी संबंधित व्ययक्ति को दी जाए कि इतना पैसा कहा कहा और किस प्रकार से खर्च किया गया।

पाँच तारिक का पत्र जब इस विषय मे कोई उत्तर नहीं मिला तो 18 अगस्त को व्यक्ति द्वारा विभाग के 4 व्यक्तियों को सरकारी वेबसाईट पर दिए गए संपर्क नुमबरों के माध्यम से संपर्क किया गया जिसमे से 2 कार्य नहीं कर रहे थे एक व्ययक्ति ने जानकारी के उपलक्ष्य मे कहा हमे जानकारी नहीं है आप डायरेक्टर से पूछ लें। जब व्यक्ति ने डायरेक्टर से पूछा तो सुने क्या उत्तर दिया डायरेक्टर साहिब ने।


अधिकारी द्वारा कही गयी बातें 

  • मैं कोई योग वेलनेस्स सेंटर आरंभ नहीं कर रहा 
  • मैं तो केवल बेंगलोर यूनिवर्सिटी के साढ़े पाँच वर्ष की योग डिग्री को मानता हूँ बाकी तो सब ढकोसले हैं 
  • मैंने बढ़े बढ़े योगचार्यों की इंटरव्यू ली है जिसमे वह चित्त का स्थान भी नहीं बता पाते 
  • राज्य मे कोई योग कॉलेज नहीं है न सरकार द्वारा कोई स्वरूप 
  • हमे +2वीं वालों को योग ट्रैनिंग देने के लिए कहा गया है और उसके लिए हम मास्टर ट्रैनर तयार कर रहे हैं 

आपत्ति जनक बातें 

  1. बंगलोर यूनिवर्सिटी के इलावा सभी यूनिवर्सिटी द्वारा करवाए जाने वाले कोर्स ढकोसला है तो यूजीसी इस विषय मे अपना पक्ष रखे और यह स्पष्ट करे क्या मान्य है क्या अमान्य । 
  2. क्या अधिकारी योग मे शिक्षित है अथवा यूजीसी की केमेटी का वेकती है जो योग पर  टिप्पणी कर रहा है  और किस अधिकार से योगचार्यों की योग्यता पर टिप्पणी की जा रही है ?
  3. +2वीं वालों को ट्रैनिंग दे कर योग शिक्षण दिया जाएगा इसका क्या तात्पर्य है, क्या अधिकारी का यह कहना है कि +2 वाले ट्रैनिंग ले कर योग्य हो जाएंगे वहीं योगाचार्य पढ़ कर भी अयोग्य हैं भाव देखा जाए तो एक तरफ व्ययक्ति सारी यूनिवर्सिटी, और योगशिक्षकों की योग्यता पर उंगली उठा रहा है वहीं दूसरी और वही व्ययक्ति +2वीं वालों को योग्य बता रहा है। कहीं यह एक साजिश तो नहीं अधिकारी द्वारा यां अन्य लोगों द्वारा योग शिक्षको वं योग ज्ञान का स्तर नीचे गिराने की?

Central Government Released 45,64,964 Lac Rs to Punjab Government Under NAM Scheme.

नस्म्कार दोस्तों आपका योग फ्रंट में स्वागत है!

आज की मुख्य खबर यह है की केंद्र सरकार ने कहा है कि NAM स्कीम के अंतर्गत हमने 45,64,964 लाख रुपए पंजाब सरकार को आयुष विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी कार्यों को संचालित करने के लिए दिए हैं।  

इतने रूपये दिए हैं किन किन कार्यों के लिए 

 आएं जानते हैं अखिर किन कार्यों के लिए केंद्र सरकार ने इतने पैसे राज्य सरकार की दिए , तो केंद्र सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार यह पैसे दिए गए हैं :- 

  • ५० बेड वाला आयुष हस्पताल खोलने के लिए ( जिसमे आयुर्वेद, होमियोपैथी, योग, सिद्ध, यूनानी उपचार उपलब्ध होंगे )
  • आयुष हस्प्तालों को अपग्रेड करने के लिए 
  • आयुष वेलनेस सेण्टर ओपन करने के लिए जिसमे योग वं प्राकृतिक चिकित्सा सेण्टर भी शामिल है 
जिसकी जानकारी आपको (https://main.ayush.gov.in/schemes/centrally-sponsored-schemes) के माध्यम से भी प्राप्त हो सकती है।  

क्या है आउटपुट  

  इस राशि के प्राप्त करने के पश्चात अभी तक राज्य सरकार द्वारा कोई कार्य सामने नहीं आया

  • अभी तक डायरेक्टर आयुष पंजाब द्वारा  कोई जानकारी सांझी नहीं की गई की आयुष हॉस्पिटल कहाँ खुल रहे हैं 
  • कितने वैलनेस सेण्टर खुले हैं तथा कितने खुलने वाले हैं की जानकारी भी पूछने पर डायरेक्टर आयुष पंजाब द्वारा कोई प्रतिक्रिया नहीं की गई 
  • योग शिक्षकों की नियुक्ति कोई ले कर भी कोई बात सामने नहीं आई, आस पास से सुनने में आया कि नियुक्त किये जायेंगे ५००० रु वेतन पर जो  कि एक राजनितिक खेल लग रहा है जिसकी जानकारी  हमने पहले भी दी है 

राज्यस्तर पर एक जुट होना होगा 

अगर हम इस समस्या का समाधान खोजें तो सामने आता है कि इस विषय में पंजाब में सभी आयुष से जुड़े लोगों को आगे आना चाहिए और एक जुट हो कर मांग करनी चाहिए।  जिसमे योग, आयुर्वेद, यूनानी, होमियोपैथी सभी को अपनी बात रखनी चाहिए।  

Joining of New Yog Front Members August 2020

 Greetings to all members of the Yoga Front family!

We are very happy to inform you that, with the continuous work on the day-to-day functions and policies of the Yoga Front family, today all of us members of the Yoga Front family are moving forward, easing the way to the destination.
The movement of social welfare, quality of yoga education and the rights of yoga teachers, with which the Yoga Front family is moving forward, today further strengthening that movement and the Yoga Front family, some brothers and sisters have become part of this family. The list of new members is as follows: -


Punjab going to appoint yog teachers soon.


सभी योग प्रेमियों को हमारा साधुवाद

तो आज की ताज़ा खबर यह है कि पंजाब सरकार का आयुष विभाग जल्दी ही खोलने जा रहा है स्वास्थ्य केंद्र जिनके माध्यम से हर जन तक पहुँचाया जाएगा स्वास्थ्य। जहाँ आयुष विभाग से dispensaries को स्वास्थ्य केंद्रों मे बदलने का कार्य बहुत जोर से चल रहा है और साथ ही साथ योग शिक्षकों हेतु भी सुनहरा मौका की उनको नियुक्ति हो सकती है ।


परंतु :- क्या यह योग शिक्षों नौकरी मिलेगी यां उनके साथ धोखा होगा ?

आयें जानते हैं  जो सुनने मे आया है

  1. योग शिक्षकों को नियुक किया जाएगा जिसकी मासिक आए उनको 5000 तक दी जाएगी । 
  2. योग शिक्षकों के लिए चयन प्रक्रिया मे कोई मापदण्डः नहीं रखे जाएंगे भाव कोई भी व्यक्ति एक ट्रैनिंग से योग शिक्षक बन कर आ सकता है 
  3. सरकार से पूछे जाने पर डायरेक्टर रमेश शर्मा जी इस प्रकार की किसी जानकारी से इनकार करते और विभागों मे घुमा रहे हैं । 

कैसे धोखा?

अब आप सोच रहें होंगे कि यह धोखा कैसे होगा तो आपको बता देते हैं कि यह सरकार की एक नीति भी हो सकती है जिसमे योग शिक्षकों को 5000 दिए जाएँ जिससे वो न अपना घर चला पाएंगे न नित्य आने जाने का खर्चा । अतः इस नियुक्ति हेतु जो अयोग्य हैं वो योग शिक्षक बन कर आगे आएंगे और उसके बाद होगा योग शिक्षा का पतन और लोगों का ही योग शिक्षा से विश्वास उठने लग जाएगा जब अयोग्य योग शिक्षक करवाएंगे योग। 
जिसके चलते कुछ ही महीनों साल मे यह सेंटर बन हो जाएंगे यां योग शिक्षा को निकाल दिया जाएगा अथवा लोग स्वयं ही इन सेंटर पर जाना बंद कर देंगे। तो देखा कैसे बुन जा रहा है जाल । 


इसके संदर्भ मे योग आचार्य विनय पुष्करणा अपने विचार रख रहें हैं आए सुनते हैं विनय पुष्करणा जी को 








Live Discussion on Issues b/w Yog Front Members.


सभी भाइयों बहनों को हमारा प्रणाम,

आज का विषय है योग फ्रंट क्या है क्यों है और किसके साथ है।  तो आएं आरम्भ करते हैं योग फ्रंट कोई भी संस्था, कम्पनी नहीं है न ही किसी वयक्ति की धरोहर है, यह मुहीम है जो योग शिक्षकों वं योग शिष्यों के लिए उनके सहयोग से संचालित है।  इसमें कोई भी व्यक्ति अधिकारी नहीं अपितु सभी एक परिवार है और परिवार के जैसे प्रत्येक व्यक्ति के योगदान से इस परिवार को चलाया जा रहा है।



नीचे वीडियो पर क्लिक करके सुने पूरी वार्तालाप



कृपया हमारे आधिकारिक योग फ्रंट के समूह से जुड़ें @yogfront टेलीग्राम पर।  और अपने सम्पर्क के सभी योग शिक्षकों वं छात्रों - छात्राओं को जोड़ें।  परिवार मजबूत होगा तो ही कार्य  संभव है। 

Last Recruitment of Yog Teachers 1982

प्रणाम योग प्रेमियों

क्या आप जानते हैं कि योग में पढ़ने वालों को नौकरी नहीं मिल रही और सरकारें कहती हैं कि जब तक कमेटी नहीं बनेगी तब तक नौकरी संभव न थी न है और न होगी।

तो आएं आपको सुनाते है एक ऑडियो क्लिप जो पूर्व में सेवा में आई योग शिक्षिका हैं और यह केंद्रीय विद्यालय में  शिक्षिका के पद पर नियुक हैं।  किन्हीं कारणों से उनका नाम वं जानकारी सांझी नहीं की जा सकती परन्तु उन्होंने बताया कि


  • १९८२ में वह योग शिक्षिका नियुक्त हुई थीं 
  • १९८२ के पश्चात् केंद्रीय विस्ध्यालयों में कोई स्थाई नियुक्ति नहीं की गई 
  • कुछ वर्ष पहले कुछ नौकरियों के लिए इंटरव्यू ली गई थी परन्तु सरकार के बदलाव के  कारण वो नियुक्ति नहीं हुई 
  • तब नियुक्ति के लिए सर्टिफिकेट कोर्स करवा कर रखा गया था 
  • और शैक्षिक योग्यता तब १०वीं भी रख लेते थे और इन्होने स्नातक सम्पन्न करने के पश्चात नौकरी की 
  • कुछ २५० के पास लोग रह गए हैं और उनमेसे भी बहुत जल्दी ही रिटायर होने वाले हैं 
  • शिक्षिका ने बताया की उनकी रिटायरमेंट के पश्चात केवल ५-१० योग टीचर ही रह जायेंगे।  


आएं सुनते हैं ऑडियो क्लिप 




Dr. Kamal Jyoti's Feedback

Welcome to Yog front of india. This is the post of feedback on yog by Dr. Kamal Jyoti. Who is the Ayurvedic Doctor and Businessman as well as a member of Bhartiya Janta Party.


Watch Live Conversation with Dr. Kamal Jyoti (Member BJP Punjab)





He have explained that government must appoint Qualified yoga teachers in Punjab.

Mr. Divit Sehgal & Mrs. Seema Madan's Feedback

Welcome to another feedback. This is the feedback of a Yoga students and his mother. Divit Sehgal have participated in District, State, National and International Yoga Competitions. Here is have shared his views and experience during the competitions and about yoga education.
In addition to her conversation her mother Mrs. Seema Madam came front to share her views about yoga education, yoga professionalism and the drawbacks which she have seen in yoga. We appreciate her endeavour to raise voice against the injustice and to improve yoga from roots.   




Watch Live Conversation with Mr. Divit Sehgal and Her Mother Mrs. Seema Madan.


Major Topics Mrs. Seema Madan talk about.

  1. Government must appoint yoga teachers in school instead of physical teachers are teaching yoga. Which is most harmful as little knowledge can dangerous.
  2. There should be complaint panel in every competition and which must be authentic friendly.
  3. GYMs, Yoga centres without yoga professionals must be shut down.
  4. Every yoga teachers must be registered by government of india as other doctors are.
  5. Government must take action against non professional yoga teachers those have no academic  qualification in yoga.


Jashandeep Kaur's Feedback

Ms. Jashandeep Kaur a yoga student today shared her views with us on yoga education and competitions. She have shared her experiences during the various competitions. 


This is the complete live conversation with Ms. Jashandeep Kaur conducted and live stream on youtube by Yog Front of India. It will help to know the problems that students are facing during various competitions. We have started a feedback panel so anyone having any problem or want to share his/her valuable feedback we are here to listen.   

Yog Front in collaboration with Yog Shikshak Sangh


Welcome to another Web conference with Yog Shikshak Sangh on topic of Yog Development and authenticity of yoga professionals.
Mr. Viney Pushkarna from yog front give his opinion on various topic discussed in this webinar.

Being the responsible person of Yog Front of India Mr. Viney Pushkarna given very specific indications about the situation of Yoga in India and the reasons too. Mr. Naveen from Yog Shikshak Sangh promised to support Yog Front of India where ever we need.




Here the the complete Discussion on  Yog with Yog Shikshak Sangh.


Joining of New Family Members : Yog Front

 Greetings to all members of the Yoga Front family!


We are very happy to inform you that, with the continuous work on the day-to-day functions and policies of the Yoga Front family, today all of us members of the Yoga Front family are moving forward, easing the way to the destination.

The movement of social welfare, quality of yoga education and the rights of yoga teachers, with which the Yoga Front family is moving forward, today further strengthening that movement and the Yoga Front family, some brothers and sisters have become part of this family. The list of new members is as follows: -




Unprofessional Yoga Teacher are in Jury.

ध्यान दें :- यह चलचित्र हमें एक छात्रा द्वारा भेजे गए हैं, कुछ सुरक्षा कारणों से हम छात्रा का नाम यहाँ नहीं बात सकते हैं, आयें जानते हैं क्या है यह पूरी घटनाक्रम। 

छात्रा ने बताया कि बीते वर्ष जब राज्यस्तर पर योग प्रतियोगिता का आरंभ हुई थी, उसमे पंजाब के गुरदासपुर जिले से एक योगशिक्षा आईं थी जिनके बारे मे उन्होंने बताया की वो योग मे कोई शिक्षा प्राप्त योग शिक्षिका नहीं थी, परन्तु कई वर्षों से राज्यस्तर पर खेलों मे भाग ले रहीं हैं प्रत्येक वर्ष उनके द्वारा कोई न कोई धांधली अथवा अपने बच्चों के चयन हेतु दबाव डाला ही जाता रहा है। जिसमे उन्होंने कुछ तथ्य दर्शाते चलचित्र भेजे हैं जिसमे यह शिक्षिका अपने विद्यार्थियों के चयन हेतु दूसरे नयायधीशों से संपर्क मे हैं और बात कर रही हैं। तथा स्वयं भी जजमेंट करने हेतु आगे आई हैं।

प्रथम चलचित्र मे शिक्षिका का विधार्थी है जो चयन हुआ उसकी परफॉरमेंस रिकार्ड करके भेजी गई है जो इस प्रकार है :-


नीचे दिए गए चलचित्र में वह शिक्षिका मूल्यांकन करते हुए दिखाई दे रही है:-



नीचे दिए जा रहे चल चित्र में वह शिक्षिका सहयोगी जूरी सदस्य से वर्तालाप कर रही है अपने विद्यार्थियों  के चयन के बारे में।


छात्रा ने बताया कि इन शिक्षिका के बारे मे की वर्षों से अन्य शिक्षिकों से मिल कर अपने बच्चों के चयन के बारे मे बाते उठीं हैं । यही नहीं छात्रा ने बताया कि यह शिक्षिका परटेक वर्ष जिला जूरी कॉमेटी की अध्ययक्ष बनती आई है जिसमे तब से ही अपनी पाठशाला के छात्र वं छात्राओं को चयन करके राज्यस्तर पर लाती है, जिसमे छात्रा ने बताया कि इस संदर्भ मे शिक्षिका की शिकायत के पश्चात जिला शिक्षा अधिकारी गुरदासपुर ने इन्हें जूरी से निकाल दिया था, तथा शिक्षिका ने आदेशों की अवज्ञा करते हुए चयनित जूरी को कार्य नहीं करने दिया और पुनः अपनी इच्छा अनुसार अपने छात्रों छात्राओं को चयन किया और राज्यस्तर पर अपना नाम जूरी मे लिखवा लिया कर पटियाला मे जूरी मे उपस्थित थी।

हुमने छात्रा की बताई बात पर जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती राकेश बाला से इस संदर्भ मे बात करके इसकी पुष्टि की है कि उपरोक्त जानकारी सत्य है जिसमे उन्होंने 3 योगचार्यों का चयन किया था जिसमे उपरोक्त शिक्षिका को जूरी से निकाला गया था क्योंकि उनके पास कोई योग भी डिग्री नहीं थी। अतः छात्रा की इस शिकायत को हम प्रदान किए गए तथ्यों के साथ प्रकाशित कर रहे हैं।

In Punjab, the worst condition of yoga subject taught in Ayurvedic college.

योग फ्रंट में सभी का स्वागत है। सबसे पहले बात करते हैं कि योग विषय का आयुर्वेद के चिकित्सकों की शिक्षा में क्या सम्बन्ध हैं।
तो आएं बात करते हैं राष्ट्र के आयुर्वेद अनुसन्धान संस्थान तथा CCIM की। यह दो संस्थान मुख्य हैं आयुर्वेद की शिक्षा के लिए। इनकी वेबसाइट पर दी गई जानकारी अनुसार आयुर्वेद के तीसरे चरण जिसे 3rd Proff भी कहा जाता है में एक विषय है स्वस्थ्यवृत जो पेपर ए और पेपर बी में बंटा हुआ है। 

हम बात करते हैं पेपर बी की जो 50 अंकों का रहता है। यह विषय है योग। 


जिसका सिलेबस हम यहां दे रहे हैं। तो इस सिलेबस के अनुसार आयुर्वेद शिष्यों को आसन, बन्ध, मुद्राएं, षट्कर्म, प्राणयाम और चक्रों का व्यवहारिक वं किताबी ज्ञान दोनों होने चाहिए। जिसके लिए एक योगाचार्य नियुक्त करने के लिए प्रावधान है। जिसको योग इंस्ट्रक्टर, योग अध्यापक, योग अटेंडेंट आदि के नाम वाले पदों पर रखा जाता है। 

आपको यह जानकर हैरानी होगी 100 मे से केवल 5% आयुवेदिक चिकित्सकों को योग ज्ञान है और उसमे केवल 2% है जो व्हवारिक ज्ञान भी रखते हैं। इसका कारण है महाविद्यालय में इस पोस्ट को न दर्शाना, योगशिक्षक की नियुक्ति न करना, अथवा कम पढ़े लिखे व्यक्ति को बिठा देना याँ फिर कम पैसे देने और व्यक्ति को अस्थाई रूप से रखना। जिस कारण योग विषय का यह हाल सभी आयुर्वेदिक महाविद्यालय में है। 

कुछ मुख्य महाविद्यालयों की अगर बात करें तो

सरकारी महाविधालय पटियाला में है जहां पहले कहा गया की पोस्ट ही खत्म कर दी गई है उसके बाद आवाज़ उठाने पर अस्थाई रूप से छःमहीने के लिए व्यक्ति नियुक्त किया गया।

दयानंद कॉलेज में भी कुछ यही हालात है और उर्मिला देवी में तो ऐसी किसी पोस्ट की नियुक्ति ही नही दिखाई गई।

इस सबका कारण

इस सबका कारण है एक तो पढ़े लिखे योग शिक्षकों का अभाव जो योग में व्यवहारिक तथा शैक्षिक ज्ञान भी रखते हैं दूसरा संस्थाएं अपना पैसा बचाने में लगीं हैं। 

नुकसान एक का नही अनेकों का है

जी सही पढ़ा नुकसान सबका है क्योंकि चाहे इस कारण कई पढ़े लिखे योगशिक्षक बेरोजगार बैठे हैं तथा उनकी नौकरी शीफर्शी तथा वो लोग बैठे है जिनको ज्ञान नही और टीवी देख देख सीखे हैं। बल्कि उन डॉक्टर्स को भी है जिनका अपनी पैथी से विश्वास उठ जाता है और उनकी शिक्षा अधूरी रहने के कारण वो अलोपथी को अपना लेते हैं और इसका निष्कर्ष आज एलोपैथी हर किसी की प्लेट में परोसी जा रही है जिसके कारण बीमारियीं में वृद्धि हो रही है।

अधिक जानकारी के लिए @YogFront से जुड़ें। इस प्रकार की सारी समस्याओं को हम उठाएंगे। अपनी समस्याओं को हमसे सांझा करें। 

Punjab School Yoga Games - In Irresponsible Hands

ਸਭਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਤਾਂ ਆਪ ਸਭਦਾ ਯੋਗ ਫ਼ਰੰਟ ਚ ਸਵਾਗਤ ਹੈ। ਅਸੀਂ ਯੋਗ ਫ਼ਰੰਟ ਚ ਯੋਗ ਨਾਲ ਜੁੜੇ ਮੁੱਦੇ ਹੀ ਉਠਾਵਾਂਗੇ। ਅੱਜ ਦਾ ਮੁੱਦਾ ਹੈ ਪੰਜਾਬ ਚ ਸਕੂਲ ਯੋਗ ਖੇਡਾਂ ਚ ਹੋ ਰਹੀ ਧਾਂਧਲੀ। ਇਸਦੀ ਪੂਰੀ ਗੱਲ ਕਰਾਂਗੇ ਪਹਿਲਾਂ ਗੱਲ ਕਰਦੇ ਆਂ ਖੇਡਾਂ ਦੀ।

ਪੰਜਾਬ ਵਿੱਚ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਖੇਡਾਂ ਖੇੜਿਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਖੇਡਾਂ ਲਈ ਕਈ ਸਕੂਲ ਹਨ ਅਤੇ ਕੋਚ ਵੀ ਨਿਯੁਕਤ ਕੀਤੇ ਗਏ ਹਨ। ਉਹਨਾਂ ਖੇਡਾਂ ਚੋ ਇੱਕ ਖੇਡ ਯੋਗ ਵੀ ਹੈ ਜਿਹੜੀ ਕਈ ਸਾਲਾਂ ਤੋਂ ਪੰਜਾਬ ਚ ਸਕੂਲਾਂ ਚ ਜਿਲ੍ਹਾਂ ਪੱਧਰੀ, ਰਾਜ ਪੱਧਰੀ ਤੇ ਨੈਸ਼ਨਲ ਪੱਧਰ ਤੇ ਖੇੜਿਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ। ਪਰ ਹੈਰਾਨੀ ਦੀ ਗੱਲ ਇਹ ਕਿ ਸਰਕਾਰ ਵਲੋਂ ਇੱਕ ਵੀ ਯੋਗ ਅਧਿਆਪਕ ਜਾਂ ਕੋਚ ਨਿਯੁਕਤ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਗਿਆ।  ਇਸ ਤੋਂ ਕੁਝ ਗੱਲਾਂ ਦਿਮਾਗ ਚ ਆਉਂਦੀਆਂ

* ਖੇਡਾਂ ਲਈ ਨਿਯਮ ਕੌਣ ਬਣਾਉਂਦਾ ਤੇ ਇਸਦੀ ਜੁਜਮੈਂਟ ਕੋਣ ਕਰਦਾ?
* ਇਹਨਾਂ ਬਚਿਆ ਨੂੰ ਯੋਗ ਕੌਣ ਸਿਖਾਉਂਦਾ?
* ਬੱਚੇ ਯੋਗ ਦੀ ਪ੍ਰੈਕਟਿਸ ਕਿਥੇ ਕਰਦੇ?
* ਯੋਗ ਦੇ ਵੱਖਰੇ ਖਾਣ ਪਾਣ ਬਾਰੇ ਕੌਣ ਦਸਦਾ?

ਜਿਸ ਦਾ ਜਵਾਬ ਹੈ ਕਿ ਕੋਈ ਨਹੀਂ।


ਹੁਣ ਗੱਲ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ਯੋਗ ਖੇਡ ਬਾਕੀਆਂ ਖੇਡਾਂ ਤੋਂ ਵੱਖ ਕਿਵੇ 

ਹੋਰਾਂ ਖੇਡਾਂ ਚ ਮੋਟਰ ਸਕਿੱਲਸ ਤੇ ਕੱਮ ਹੁੰਦਾ ਅਤੇ ਉਹ ਸਾਰੀਆਂ ਖੇਡਾਂ ਕੇਵਲ ਸਰੀਰਿਕ ਫਿੱਟਨੈੱਸ ਲਈ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਪਰ ਯੋਗ ਕੇਵਲ ਸਰੀਰਿਕ ਫਿੱਟਨੈੱਸ ਨਹੀਂ ਬਲਕਿ WHO ਦੀ ਹੈਲਥ ਦੀ ਪਰਿਭਾਸ਼ਾ ਮੁਤਾਬਿਕ ਸਾਰੇ ਪੱਖੋਂ ਮਦਦ ਕਰਦਾ। ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਕੋਈ ਵੀ ਖੇਡ ਇਸਤੋਂ ਵੱਖ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ। ਅਤੇ ਇਸਦੇ ਲਈ ਕੋਚ ਵੀ ਵੱਖ ਹੀ ਚਾਹੀਦੇ ਜਿਵੇਂ ਹਰ ਖੇਡ ਲਈ ਵੱਖ ਕੋਚ ਹਨ। 

* ਯੋਗ ਲਈ ਖਾਣ ਪਾਣ ਵੱਖ ਹੁੰਦਾ
* ਯੋਗ ਲਈ ਪ੍ਰੈਕਟਿਸ ਕਰਨ ਦਾ ਸਮਾਂ ਵੀ ਵੱਖ ਹੁੰਦਾ
* ਯੋਗ ਲਈ ਇਸਤੇਮਾਲ ਹੋਣ ਵਾਲੇ ਪ੍ਰੋਪ ਵੱਖ ਹੁੰਦੇ
* ਯੋਗ ਇਨਸਾਨ ਦੀ ਪ੍ਰਵਿਤਤੀ ਅਨੁਸਾਰ ਵੱਖ ਹੁੰਦਾ

ਪੰਜਾਬ ਚ ਇਸ ਖੇਡ ਨਾਲ ਹੋ ਰਿਆ ਗੈਰ ਜਿੰਮੇਦਾਰ ਬਰਤਾਵ

ਹੁਣ ਆਪਜੀ ਨੂੰ ਦੱਸਦੇ ਹਾਂ ਕਿ ਪੰਜਾਬ ਚ ਯੋਗ ਸਿੱਖਿਆ ਕਾਈ ਕੋਈ ਪਾਲਿਸੀ ਨਹੀਂ ਬਣਾਈ ਗਈ ਸਰਕਾਰ ਵਲੋਂ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਯੋਗ ਚ ਸਿਖਿਆ ਪ੍ਰਾਪਤ ਵਿਅਕਤੀ ਬੇਰੋਜ਼ਗਾਰ ਹਨ ਜਾਂ 5ਹਜ਼ਾਰ ਤੋਂ 10 ਹਜ਼ਾਰ ਤਕ ਪ੍ਰਾਈਵੇਟ ਨੌਕਰੀ ਕਰ ਰਹੇ ਹਨ। ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਵੀ ਬੀਨਾ ਯੋਗ ਸਿੱਖਿਆ ਪ੍ਰਾਪਤ ਲੋਕ ਇਹਨਾਂ ਦਾ ਹਿੱਸਾ ਲੈ ਜਾਂਦੇ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਦੇ ਇਸ ਰਵਈਏ ਕਾਰਨ ਪੜ੍ਹੇ ਲਿਖੇ ਨੌਕਰੀ ਨਹੀਂ ਲੈ ਪਾ ਰਹੇ। 
ਉਦਾਰਣ ਲਈ ਇੱਕ ਵਿਅਕਤੀ ਪਹਿਲਾਂ ਡਿਪਲੋਮਾ ਫੇਰ ਡਿਗਰੀ ਤੇ ਫੇਰ ਮਾਸਟਰ ਡਿਗਰੀ ਕਰਦਾ ਹੈ ਮਤਲਬ 6-8 ਸਾਲ ਅਤੇ ਲੱਖਾਂ ਰੁਪਏ ਤੇ ਮਿਹਨਤ ਨਾਲ ਪਾਸ ਹੋ ਕਿ ਨੌਕਰੀ ਲੱਭਦਾ ਹੈ ਪਰ ਉਸਦੀ ਬਣਦੀ ਨੌਕਰੀ ਅੱਠਵੀਂ ਫੇਲ ਵਿਅਕਤੀ ਲੈ ਜਾਂਦਾ ਜਿਹੜਾ ਆਪ ਯੋਗ ਵੀ ਨਹੀਂ ਕਰ ਪਾਉਂਦਾ। ਅਤੇ ਉਹ ਇਹ ਨੌਕਰੀ ਲਈ ਘੱਟ ਤੋਂ ਘੱਟ ਤਨਖਾਹ ਲੈ ਕੇ ਵੀ ਖੁਸ਼ ਹੈ ਪਰ ਪੜਿਆ ਲਿਖਿਆ ਬੇਰੋਜਗਾਰ ਰਹਿ ਜਾਂਦਾ। 

ਹੋਰ ਕਿਹੜੇ ਕਿਹੜੇ ਮੁੱਦੇ ਹਨ 

ਸਿਰਫ ਇਹ ਹੀ ਨਹੀਂ ਇਸਦੇ ਨਾਲ ਨਾਲ ਹੋਰ ਵੀ ਕਈ ਮੁੱਦੇ ਹਨ ਜਿਵੇਂ ਕਿ
* ਬੱਚਿਆਂ ਦਾ ਯੋਗ ਖੇਡ ਤੋਂ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਉਠ ਜਾਣਾ
* ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਯੋਗ ਦੀ ਬੁਨਿਆਦੀ ਸਿਖਿਆ ਦਾ ਅਭਾਵ
* ਮਾਪਿਆਂ ਤੇ ਯੋਗ ਅਧਿਆਪਕਾਂ ਵਲੋਂ ਸ਼ਿਕਾਇਤਾਂ

ਇਹ ਮੁੱਦੇ ਆਮ ਹਨ ਜਿਸ ਵਿਚ ਯੋਗ ਖੇਡਾਂ ਵਿੱਚ ਗੈਰ ਯੋਗ ਅਧਿਆਪਕ ਪਹਿਲਾਂ ਪ੍ਰਾਈਵੇਟ ਸਕੂਲਾਂ ਚ ਨੌਕਰੀ ਹਾਸਲ ਕਰ ਲੈਂਦੇ ਹਨ ਤੇ ਸਕੂਲ ਆਪਣੇ ਪੈਸੇ ਬਚਾਉਣ ਲਈ ਬੀਨਾ ਸਿਖਿਆ ਵਾਲੇ ਨੂੰ ਨੌਕਰੀ ਦੇ ਦਿੰਦੇ ਜਾਂ ਪੀਟੀ ਟੀਚਰ ਤੋਂ ਹੀ ਇਹ ਕੱਮ ਕਰਵਾ ਲੈਂਦੇ। ਉਸਤੋਂ ਬਾਅਦ ਸਰਕਾਰੀ ਸਕੂਲਾਂ ਚ ਕੋਈ ਯੋਗ ਅਧਿਆਪਕ ਰੱਖਿਆ ਨਹੀਂ ਹੈ ਸਰਕਾਰ ਨੇ। ਤੇ ਜਦੋਂ ਖੇਡਾਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਉਸ ਵਿਚ ਪ੍ਰਾਈਵੇਟ ਸਕੂਲਾਂ ਦੇ ਬੱਚੇ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਭਾਗ ਲੈਂਦੇ ਅਤੇ ਉਹਨਾਂ ਸਕੂਲਾਂ ਦੇ ਗੈਰ ਯੋਗ ਅਧਿਆਪਕ ਜੱਜ ਬਣ ਜਾਂਦੇ ਤੇ ਖੇਡਾਂ ਚ ਧਾਂਧਲੀ ਕਰਦੇ। ਖਿਡਾਰੀਆਂ ਨਾਲ ਪੱਖਪਾਤ ਕਰਕੇ ਆਪਣੇ ਸਕੂਲਾਂ ਦੀਆਂ ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਜੇਤੂ ਖਿਡਾਰੀ ਬਣਾਉਂਦੇ। ਜਿਸ ਦੀ ਅੱਪਤੀ ਕਈ ਯੋਗ ਅਧਿਆਪਕਾਂ ਨੇ ਕੀਤੀ , ਅਤੇ ਕਈ ਮਾਪਿਆਂ ਨੇ ਵੀ ਇਸਦੀ ਸ਼ਿਕਾਇਤ ਦਰਜ ਕਰਵਾਈ ਅਤੇ ਇਸ ਕਾਰਨ ਕਈ ਯੋਗ ਖਿਡਾਰੀ ਯੋਗ ਵੀ ਛੱਡ ਜਾਂਦੇ ਹਨ। ਪਰ ਸਰਕਾਰ ਇਸ ਬਾਰੇ ਕੋਈ ਫੈਸਲਾ ਨਹੀਂ ਕਰਦੀ ਨ ਜੋਈ ਪਾਲਿਸੀ ਬਣਾਉਂਦੀ ਹੈ।

ਯੋਗ ਨਾਲ ਹੀ ਪੱਖਪਾਤ ਕਿਓਂ

ਇਸ ਸਵਾਲ ਤੇ ਹਰ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਆਪਣੇ ਆਪਣੇ ਵਿਚਾਰ ਹਨ ਕੁਝ ਵਿਚਾਰ ਅਸੀਂ ਇੱਕ ਸਰਵੇ ਕਰਕੇ ਇਕੱਠੇ ਕੀਤੀ ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਲੋਕਾਂ ਤੇ ਕਾਮਨ ਵਿਚਾਰ ਸਾਂਝੇ ਕਰ ਰਹੇ ਹਾਂ
1. ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਕੋਲ ਯੋਗ ਅਧਿਆਪਕ ਨਹੀਂ ਹਨ
2. ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਕੋਲ ਪੈਸੇ ਨਹੀਂ ਹਨ
3. ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਤਾਂ ਆਪ ਨਸ਼ਿਆਂ ਤੇ ਰੋਕ ਨਹੀਂ ਲਾਉਂਦੀ ਉਹ ਕਿਉਂ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਯੋਗ ਅਪਨਾਉਣ ਲਈ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਕਰੁ
4. ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਕੋਲ ਯੋਗ ਪਾਰਕ ਨਹੀਂ ਹਨ
5. ਕੁਝ ਸਰਕਾਰੀ ਨੇਤਾ ਯੋਗ ਨੂੰ ਹਿੰਦੂ ਧਰਮ ਨਾਲ ਜੁੜਿਆ ਸਮਝਦੇ ਹਨ ਇਸ ਲਈ ਇਸ ਨਾਲ ਉਹਨਾਂ ਦੀ ਧਰਮ ਦੀ ਸਿਆਸਤ ਖਤਰੇ ਚ ਆ ਜਾਂਦੀ ਹੈ। ਆਦਿ

ਇਹ ਸਵਾਲ ਮੰਤਰੀਆਂ ਅਤੇ ਹੋਰ ਸਰਕਾਰੀ ਅਧਾਰੀਆਂ ਕੋਲੋਂ ਵੀ ਪੁੱਛਿਆ ਗਏ ਸਭਣੇ ਇਸ ਉੱਤੇ ਆਪਣੀ ਟਿੱਪਣੀ ਦੇਣ ਤੋਂ ਮਨ੍ਹਾ ਕਰ ਦਿੱਤਾ। 

ਪਰ ਇਹ ਸਵਾਲ ਅਸੀਂ ਪੂਛਾਂਗੇ ਹੁਣ ।


ਕਿੰਝ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹਾਂ ਅਸੀਂ ਇਸ ਸਮੱਸਿਆਵਾਂ ਦਾ ਹੱਲ

ਅਸੀਂ ਯੋਗ ਫ਼ਰੰਟ ਦੇ ਓਲਟਫੋਰਮ ਤੋਂ ਸਰਕਾਰ ਨੂੰ ਇਹ ਗੱਲ ਦਾ ਜਵਾਬ ਦੇਣ ਲਈ ਮਜਬੂਰ ਕਰਾਂਗੇ। ਨਾਲ ਦੇ ਨਾਲ ਇਸ ਉੱਤੇ ਜਲੱਦ ਤੋਂ ਜਲੱਦ ਯੋਗ ਪਾਲਿਸੀ ਲਿਆਉਣ ਲਈ ਆਖਾਂਗੇ। ਇਸ ਵਿੱਚ ਅਸੀਂ ਸਾਥ ਲਵਾਂਗੇ ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਮਾਪੇ, ਖਿਡਾਰੀ, ਅਤੇ ਯੋਗ ਅਧਿਆਪਕ। 

ਵੱਧ ਤੋਂ ਵੱਧ ਯੋਗ ਅਧਿਆਪਕ ਯੋਗ ਫ਼ਰੰਟ ਨਾਲ ਜੂਡੋ ਜੁੜਣ ਲਈ ਇਸੇ ਵੇਬਾਈਟ ਤੇ ਆਪਣੇ ਗੂਗਲ ਅਕਾਊਂਟ ਨਾਲ ਫੋਲ੍ਲੋ ਕਰੋ ਤੇ ਸਾਡੀ ਅਧਿਕਾਰਿਕ ਯੋਗ ਫ਼ਰੰਟ ਕਮਿਊਨਟੀ ਨਾਲ ਜੁੜਨ ਲਈ @yogfront ਤੇ ਆਪਣਾ ਅਕਾਊਂਟ ਜੋੜੋ। 

The complaint to Director of Sports Punjab & School Education..

सभी योग शिक्षकों, योगचार्यों, योग शिष्यों को साधुवाद,

आज हम आपसे सांझा करने जा रहे हैं एक शिकायत जो एक समाज सेवी संस्था ने डायरेक्टर ऑफ स्पोर्ट्स पंजाब को लिखी थी। यह कम्प्लैन्ट हैं अन्याय वं योग प्रतियोगिताओं मे हो रही धांधली की।
नीचे दी गई तस्वीर स्पष्ट रूप से बयान कर रही है कि किस प्रकार से प्रतियोगिताओं मे धांधली चल रही है जिसमे योग अशिक्षित लोग गलत तरीके से अपनी मनमानी चला रहे हैं।

क्या है शिकायत

इस पत्र मे अखिल भारतीय विप्र संघ ने एक पत्र लिख कर शिकायत की है कि कुछ निजी स्कूलों के योग अध्ययपक जो की योग मे कोई उच्च शिक्षा प्राप्त भी नहीं है अपने स्वार्थ के लिए प्रतियोगिता मे निष्पक्षता को तार तार कर रहें हैं। उद्देश्य केवल यह कि अपनी पाठशाला के बच्चे अधिक से अधिक चयन कर आगे भेजे जा सके जिससे कि उनकी पाठशाला का नाम रौशन हो और उनकी नौकरी बनी रहे और वेतन वृद्धि हो जाए। केवल निजी स्वार्थ के चलते कितने योग्य विधारथियों को अनदेखा कर दिया जाता है ।



शिकायत के मुख्य विषय

  1. योग प्रतियोगिता का पाठ्य विवरण उपलब्ध नहीं करवाया जाता - न ही जिला शिक्षा अध्यक्ष के पास उपलब्ध होता है। 
  2.  योग प्रतियोगिता हेतु योग मे शिक्षा प्राप्त व्ययक्तियों की नियुक्ति नहीं की जाती जो इसके नियम, अधिनियम तथा जजमेंट के लिए सिद्धांतों का निर्माण करें। वो लोग जजमेंट करते हैं जो न तो योग मे शिक्षित हैं और न ही स्वयं कोई आसान कर पाते हैं।
  3. कीसी भी प्रतियोगिता मे शिकायत कॉममेटी होती है जो योग के कीसी भी प्रतियोगिता मे नहीं दिखी। आदि

 

ऐसा क्यों हो रहा है ?

इस प्रशन का उतर बहुत सरल है यह सब होने के पीछे निनमलिखित कारण है 
  1. सरकार द्वारा योग शिक्षा को ले कर कोई मापदण्डः सुनिश्चित नहीं है 
  2. गैर योग प्रशिक्षित लोग योग प्रतियोगिताओं का संचालन कर रहे हैं 
  3. अशिक्षित योग टीचर पर कोई कारवाई नहीं की जा रही 
  4. +2 पास वाले भी YCB, QCI, जैसे संस्थानों से योग टीचर बन रहें हैं । 
  5. फिज़िकल एजुकेशन टीचर भी योग सिखाने मे लगे हैं जिनका योग के सिद्धांतों से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं , आदि 

समाधान 

इसके समाधान हेतु हुमने योग फ्रन्ट का निर्माण किया है तथा मिल कर इन समस्याओं को सरकार तक पहुंचा रहें हैं । तथा एक जन आंदोलन के माध्यम से इसको आरंभ किया है कृपया अधिक से अधिक योग शिक्षक, योग शिष्य, उनके परिवार वाले और योग प्रेमी आगे आयें । 

Amazing Reply by Ayush University Punjab.

कुछ वर्ष पूर्व आयुष परियोजना के नाम पर पंजाब में एक विश्वविद्यालय का निर्माण हुआ था, जिसका नाम रखा गया गया था गुरु रविदास आयुर्वेद यूनिवर्सिटी, जो कि होशियारपुर में स्थापित हुई थी।

अगर हम आपको यूनिवर्सिटी के बारे में ज्ञान दें तो उसका विवरण कुछ इस प्रकार से है।

आरंभ मे यूनिवर्सिटी होशियारपुर मे ही आरंभ की गई जो की एक चोटी सी बिल्डिंग मे स्थापित हुई जिसके वी सी के पद पर डॉ ओमप्रकाश उपाध्याय जी को नियुक्त किया गया जो कई वर्षों तक उसी पद पर नियुक्त रहें रिटाइअर्मन्ट के पश्चात भी। उनके साथ साथ श्रीमंत औलख जी भी रेजिस्ट्रार के पद पर नियुक रहे। तथा यूनिवर्सिटी के अधीन 12 आयुर्वेदिक कॉलेज किए गए जो की पहले बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के अधीन थे। इस दरमियान आयुर्वेदाचार्यों तथा आयुर्वेदिक शिष्यों द्वारा कई मुद्दे उठाए गए जिसमे उनके भविष्य को ताक पर रखा गया था ।

की वर्षों बाद एक समाचार प्राप्त हुआ कि यूनिवर्सिटी के वी सी बदल गए हैं तथा यूनिवर्सिटी को पास ही एक गावं मे स्थान मिल गया है जिसमे उनका कॅम्पस बननेगा। परंतु इसके इलवा तब से अब तक कोई भी आयुष यूनिवर्सिटी वाला कार्य नहीं हुआ।

एक योग छात्र द्वारा RTI के माध्यम से कुछ प्रशन पूछे गए जिसकी प्रतिलिपि हम नीचे दे रहे हैं जो की छात्र द्वारा डिपार्ट्मन्ट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एण्ड रिसर्च पंजाब से पूछा गया था, जिस विषय को विभाग द्वारा आगे आयुष यूनिवर्सिटी को भेज दिया गया था आयें पहले जानते हैं उन प्रशनों के बारे मे :- 



uttrar
ऊपरोक्त मे पूछे गए प्रशन इस प्रकार हैं 
  • अलग अलग राज्यों के अंदर योग शिक्षकों का चयन हो रहा है क्या ऐसा कोई बोर्ड अथवा काउंसिल योग से जुड़ी पंजाब मे हैं ?  
    • उत्तर प्राप्त नहीं हुआ न विभाग द्वारा न आयुष यूनिवर्सिटी द्वारा । 
  • दूसरा सवाल है कि अगर ऐसी कोई नीति नहीं है तो कैसे योग्य एवं अयोग्य योग शिक्षक वं थेरपिस्ट पंजाब मे कार्य कर रहे हैं ? ऊनके खिलाफ क्या कानून कारवाई की जा रही है यां बनती हैं ?
    • उत्तर प्राप्त नहीं हुआ न विभाग न आयुष यूनिवर्सिटी द्वारा 
  • अगर नहीं है तो ऐसी काउन्सल बनाने के लिए क्या प्रोसीजर है जिससे योग शिक्षक रजिस्टर हो पाए 
    • उत्तर नहीं दिया गया 
  • इस प्रशन को ध्यान से पढ़ें इसमे पूछा गया है कि 2013 से अब तक योग और प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए क्या क्या कार्य किए गए हैं और उसके लिए विभाग से भेजे गए पत्रों की जानकारी दें ?
    • उत्तर कोई नहीं दिया गया 
  • केंद्र सरकार द्वारा कितनी वित्तीय मदद की गई है अब तक योग के क्षेत्र मे, तथा एक लिस्ट प्रदान करें पंजाब मे हो रहे योग संबंधी कार्यों की जहां वो मदद इस्तेमाल होई है अथवा हो रही है ?
    • उत्तर कोई नहीं न विभाग द्वारा न ही आयुष यूनिवर्सिटी द्वारा 
  • एक प्रशन यह भी ध्यान से पढ़ें इसमे पूछा गया है कि यदपि योग को लेकर ऐसी कोई कौसिल अथवा बोर्ड गठित नहीं हुआ है तो पंजाब मे योग मे B.Ed.  करवाने वाली यूनिवर्सिटी कोई बंद नहीं हो रही अथवा की आयुर्वेदिक कॉलेज भी योग मे डिप्लोमा करवा रहे हैं वो कैसे संभव है ?
    • उत्तर फिर कोई प्राप्त नहीं हुआ 
  • अंतिम प्रशन पंजाब के आयुर्वेदिक कॉलेज मे एक योग विषय आयुर्वेदाचार्यों को पढ़ाया जाता है जिसके लिए एक योग शिक्षक की आवश्यकता होती है पंजाब मे कॉलेज मे योग शिक्षक क्यों नियुक्त नहीं है अगर कहीं हैं तो वो लोग नियुक है जो योग मे स्नातक तक नहीं हैं तथा कथा कथित योग बाबाओं को फॉलो करने वाले नियुक कर दिए गए हैं वो भी अस्थाई रूप से कुछ 5 से 10 हजार वेतन पर । ऐसा कियों ?
    • इस प्रशन का उत्तर आयुष यूनिवर्सिटी ने दिया जो इस प्रकार है  


इसमे लिखा गया है की उपरोक्त प्रशनों का आयुष यूनिवर्सिटी से लेना देना नहीं है अंतिम प्रशन का उत्तर देते उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी से संबंधित सभी आयुर्वेदिक कॉलेज मे योग शिक्षक नियुक्त है। 

अब ध्यान दें यह उत्तर 05 / 03 / 2018 को आता है जबकि मुख्य 3 कॉलेज मे योग शिक्षक नहीं थे प्रमाण स्वरूप सरकारी कॉलेज पटियाला मे ही योग शिक्षक के पद हेतु 5 साल से वैकन्सी खाली है जिसे 2019 मे टेम्परेरी बसेस पर तब भरा गया है जब इसके लिए एक योगशिक्षक द्वारा आवाज उठाई गई । 

जिसके पीछे भी एक षड्यन्त्र यह है कि आने वाले व्ययक्ति को इतना कम वेतन दिया जाए कि वह स्वयं ही छोड़ जाए इसी लिए सरकार ने असिस्टन्ट प्रोफेसर के पद को टेम्परेरी कर दिया । 

कितना अजीब है न - सरकार अपनी खमिया छुपाने मे प्रिन्सपल सेक्टरी को लगाती है और प्रिन्सपल सेक्टरी और अधिकारी अपनी गलतियों से सब बयान कर जाते हैं । 

Biggest Scam by Quality Council of India

आदरणीय योगशिक्षको वं योग प्रेमियों आप सबको मेरा प्रणाम वं साधुवाद। जैसे के आज का विषय है क्वालिटी कॉउंसिल ऑफ इंडिया और इसका इतने बड़े स्तर पर योगशिक्षको से लूट का।
तो आएं आरम्भ करते हैं। जैसे कि आप जानते ही हैं कि हमारा योग एक भारतीय चिकित्सा प्रणाली के अंतर्गत आता है जो कि आयुष डिपार्टमेंट के अंतर्गत है। और आयुष विभाग आयुष मिनिस्ट्री के अंतर्गत है। और आयुष मिनिस्ट्री की स्थापना नौ नवंबर 2014 में हुई थी। 
अब इस घटना क्रम को ध्यान से समझें आयुष विभाग के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय योग वं प्राकृतिक अनुसन्धान संस्थान आता है उसके अध्यक्ष तथा राष्ट्रीय योग महाविधालय जिसका नाम मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग महाविद्यालय है के अध्यक्ष एक ही व्यक्ति चयनित हुए। उसके उपरांत योग शिक्षा का स्तर पहले से बढ़ा और जहां पहले स्नातक एवं डिप्लोमा होता था वहां स्नातकोत्तर तथा एम फिल और पी एच डी भी जगह बनाने लगी तभी कौंसिल ने कुछ पाठ्यक्रमों को मानने से इनकार कर दिया था। जिससे योग में शिक्षा ग्रहण करने वाले यूजीसी के सम्पर्क में आए। जिसके उपरांत उनकी शिक्षा को मान्य करना पड़ा। 
इसी दौरान एक ऑटोनोमस कंपनी का सरकार से करार होता है जिसका नाम था क्वालिटी कॉउंसिल और योग में क्वालिटी कॉउंसिल का प्रवेश होता है। जिसके पीछे CCYRN और मोरारजी के तत्कालीन अध्यक्ष का बहुत बढ़ा सहयोग था। 

क्या थी क्वालिटी कॉउंसिल

क्वालिटी कॉउंसिल जैसे बताया कि कैसे बनी अब बताते हैं क्या थी यह संस्था और कैसे करती थी काम। तो यह कॉउंसिल सीधे तौर पर पैसे कमाने को आगे आई और इसका विश्वास बनाने हेतु योग की महत्वपूर्ण हस्तियों के साथ लिया गया। अब यह नही कह सकते इसमें किसका क्या हिस्सा और सहयोग रहा। योग में सर्टिफ़िकेट प्राप्त करने की सच्चाई यह थी कि योग में शैक्षिक योग्यता का कोई प्रावधान नही था आप ने कुछ भी किया हो सीधे सिलेबस लो पढ़ो और टेस्ट दो और पैसे अदा करके सर्टिफिकेट ले लो। और हर 3 साल बाद पुनः वही करना। 

इस बात की लगाई थी आर टी आई

इस धांधली का पर्दाफाश तब हुआ जब एक योगाचार्य ने सीधे सीधे इसका सवाल सरकार और मंत्रालय तथा विभाग से rti लगा कर पूछा तो सरकार ने इसका जवाब देने के लिए क्वालिटी कॉउंसिल को मार्क किया जिसका जवाब कॉउंसिल नही दे पाई तो सवालों को घुमा दिया और आज तक जवाब नही दिया। जिससे यह साफ होता है कि क्वालिटी कॉउंसिल एक बहुत बढ़ा षड्यंत्र अथवा धांधली का हिस्सा था। 

जिस पर बाद में कई राज्यों में आवाज़ उठी और इसको ठंडे बस्ते में ढालने के लिए जो पहले नौकरी के लिए अनिवार्य किया था वो बाद में हटा दिया गया। परन्तु क्वालिटी कॉउंसिल अभी भी रुकी नही और इसके तथ्य आपको अगले संस्करण में सांझा करेंगे। 

अभी नीचे कुछ तथ्यों को सलग्न कर रहें हैं। जो हमारे ही एक योग परिवार ने विभाग और कॉउंसिल से RTI के माध्यम से पूछा था और उसका उत्तर क्या रहा आपसे सांझा किया जा रहा है।

यह है सरकार द्वारा कॉउंसिल और अन्य विभागों को अग्रेक्षित किया गया पत्र


यह है वो RTI जिसमे सवाल पूूछे गए थे सीधे सीधे। जिसके उत्तर में क्वालिटी कॉउंसिल का उत्तर पहले तो आया नही बार बार कॉल करने पर पूछने पर उत्तर यह था नीचे पढ़ें।

अब आप समझ ही जाएं कि क्वालिटी कॉउंसिल कितना बड़ा धोखाधड़ी का संस्थान था। जो अब नए नाम और पुराने काम से विख्यात है। आगे भी हमसे जुड़े रहने के लिए टेलीग्राम और हैंगआउट ग्रुप से जुड़ें । 

मोटापे को कम करने के लिए सही खाना जरूरी

आप कितना भी एक्सरसाइज कर लें, जिम में वर्कआउट कर खूब पसीना बहा लें, लेकिन खान-पान सही नहीं है तो सब बेकार है । 

वजन कम (Weight Loss Tips) करना आसान नहीं है, लेकिन अगर सही तरीके से योजना बनाकर इस पर काम किया जाए तो यह उतना भी मुश्किल नहीं है ।  
आप कितना भी एक्सरसाइज कर लें, जिम में वर्कआउट कर खूब पसीना बहा लें, लेकिन खाना-पीना सही नहीं है तो सब व्यर्थ है । इसलिए यहां जानिए वजन कम करने के लिए आहार (Weight Loss Diet) में क्या लें और क्या नहीं ।

वजन कम करने के लिए क्या खाएं?

  • अगर पेट कम करना है तो कम कार्बोहाइड्रेट से भरपूर आहार लें।  सफेद चावल, बिस्किट और गेंहू के आटे की रोटी जैसे साधारण कार्बोहाइड्रेट में शुगर की मात्रा ज्यादा होती है जो कि नुकसानदायक हो सकती है. इसलिए जटिल कार्बोहाइड्रेट बाजरा रोटी, ओट्स या ब्राउन राइस का सेवन करना चाहिए । 
  • प्रोटीन से भरपूर आहार का सेवन करें. मूंग दाल को प्रोटीन के सबसे अच्छे स्रोतों में से एक माना जाता है ।  100 ग्राम मूंग दाल में 24 ग्राम प्रोटीन होता है।  दूसरी तरफ, प्रोटीन के प्रमुख स्रोतों में नट्स, बीज (सीड्स), आलू, साबुत अनाज और फलियां शामिल हैं। सोयाबीन भी प्रोटीन का महत्वपूर्ण स्त्रोत्र है। 
  • मोटापा कम करने का एक और तरीका है विटामिन. नट्स, फल और पत्तेदार सब्जियां खाएं. विटामिन C जैसे नीबू, अमरूद, संतरा, पपीते का सेवन उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो वजन कम करना चाहते हैं क्योंकि यह फैट बर्न करता है । 
  • सरसों का तेल, जैतून का तेल, तिल का तेल, मूंगफली का तेल आदि भोजन में इस्तेमाल करें,  लेकिन ट्रांस फैट से बचें। 
  • वजन घटाने के लिए दालचीनी का इस्तेमाल फायदेमंद रहेगा। इसे सुबह नाश्ते से पहले और सोने से पहले खाया जा सकता है । 
  • शहद का सेवन करें क्योंकि इसमें मौजूद आवश्यक हार्मोन भूख को कम करने में और वजन घटाने में सहायक माने जाते हैं । 
  • शरीर में पानी की कमी से मेटाबॉलिज्म पर बुरा असर पड़ता है।  जिससे शरीर फैट बर्न नहीं कर पाता है।  ज्यादा पानी पीने से भूख भी कंट्रोल में रहती है और वजन भी नहीं बढ़ता है। 
  • काली मिर्च भोजन के थर्मोजेनिक प्रभाव को बढ़ाने में मदद करती है।  जो आपके शरीर के कैलोरी को बर्न करती है। 

वजन कम करने के लिए क्या न खाएं

यह जानना बेहद जरुरी है की आपको खाने में किन खाद्य पदार्थो का सेवन नहीं करना है।  वह इसलिए क्योंकि अक्सर लोग वजन कम करते समय डाइट में ये जानने की कोशिश करते हैं की आखिर उन्हें क्या खाना चाहिए? लेकिन इस बात पर उनका ध्यान नहीं जाता है की उन्हें क्या नहीं खाना चाहिए।  अगर आप अपना वजन कम करना चाहते है तो हम आपको आज ऐसे कुछ खाद्य पदार्थो के बारे में बताएंगे जिनका सेवन आपको बिलकुल नहीं करना चाहिए जैसे-

  • शुगर वाले ड्रिंक्स अवॉइड करें- इसमें बहुत अधिक स्वीटनर्स होते हैं, जो आपका वजन बढ़ा देते हैं।  अगर आप अपना वजन घटाना चाहते हैं तो इनका प्रयोग बिलकुल ना करें। 
  • बाहर का खाना न खाएं- बाजार के खाघ पदार्थो का सेवन ना करें, क्योंकि एक दिन का बाहर का खाना आपके पूरे टारगेट को बिगाड़ सकता है। 
  • दही का अधिक सेवन ना करें- लोग वजन घटाने के लिए दही का सेवन ज्यादा करते हैं।  लेकिन ज्यादा सेवन घटते वजन में बाधा बन सकता है। 
  • ज्यादा मात्रा में नमक का सेवन ना करें- अधिक नमक का सेवन आपके शरीर में सोडियम की मात्रा को बड़ा सकता है।  इसलिए इसके सेवन से बचें। 



शैम्पू और बाल - प्रसाधनों ने किया धमाल

 


आज के आधुनिक समय में हम बहुत ही समझदार दिखने की कोशिश करते हैं परन्तु बहुत सी कंपनियां सब्को अपने जाल में फसा कर करोड़ों का मुनाफा कमा रहीं हैं।  आएं इस चलचित्र को देख कर समझें वास्तविकता और सचाई जो हमे कभी नहीं बताई गई।  











पनीर कैसे बनाते हैं?

अब घर पे बरे ही आसानी से पनीर बनाना सीखे!!

वैसे तो पनीर से हम कितनी सारी चिझे बना सकते है पनीर टिक्का, पनीर चिल्ली, मटर पनीर, पनीर पकोड़ा… आदि | और ऐसे में हमें पनीर ही बनाने न याये ये कैसे हो सकता है? इसीलिए आज मैं आपके लिए बहुत ही स्पेशल डिश ले के आयी हूँ | आज मैं आपको बताने वाली हूँ की पनीर कैसे बनाते है?

अगर आपको कभी पनीर की सब्जी खाने का मन करता है तो आप दुकान तो जाते है उसे लाने के किये लेकिन दुकान पे पनीर नहीं मिल पाती | तो वैसे टाइम में ज्यादा सोचने की जरुरत नहीं है क्योंकि आप बिना मार्केट गए, घर पे ही बड़ी आसानी से पनीर बना सकते है | और उसके लिए हमें ज्यादा चिझो की जरुरत भी नहीं चाहिए होगी | वैसे तो इसके लिए हमें सबसे पहले दूध को फाड़ना होता है… तो उसे हम कितनी तरीको से फार सकते है निम्बू का रास, दही,विनेगर,साइट्रिक एसिड या फिर पनीर बनाने के बाद जो पानी निकलता है वो पहले का पानी) | लेकिन यहाँ पे मैं आज निम्बू सा बनाकर बताने वाली हूँ | और निम्बू तो हर कोई के घर में मिल जाता है….. तो चलिए देखते है की पनीर कैसे बनाते है, और इसके लिए हमें किन-किन चीजों की जरुरत होगी….

सामग्री:-

  • दूध: 1 लीटर
  • निम्बू : 1
  • एक बड़ा पतीला
  • छननी
  • सूती कपड़ा
  • कोई भारी वस्तु
  • प्लेट

बनाने की विधि:-

  1. सबसे पहले दूध को उबलने के लिए रख दे और तब तक निम्बू को निचोड़ लेंगे |

पनीर कैसे बनाते है? How to make Paneer at Home in Hindi? Step-By-Step Photo Step 1

2. दूध को उबाल जाने के बाद गैस को बंद कर दे और फिर दूध में थोड़ा थोड़ा निम्बू का रस डालकर उसे धीरे-धीरे मिलाये |और उसे २ मिनट के लिए छोड़ दे |

पनीर कैसे बनाते है? How to make Paneer at Home in Hindi? Step-By-Step Photo Step 3

Pragya Yog Aarogya Center

Pragya Yog Aarogya Center

Hello everyone 


Myself Pragya Gupta I am yog master, yoga therapist and psychological counselor. I have provide yogic and psychological treatment. 


Pragya Yog Arogya is a wellness center for those people who are suffering from a lots of physical and psychological problems. we have treat from yogic and alternative therapies by which the person is fully recovered. 


 ♦Physical yogic treatment


- Cervical pain/ Thoracic pain /Lower back pain


- Thyroid hyper and hypo


- Heart disease


- Asthma


- Cronic constipation


- Diabetes


- Fatty liver


- Arthritis


Yoga for Advance / Beginners


- General fitness


- Ashtanga vinyasa flow


- Artistic and Rhythmic yoga


Psychological treatment


- Mood disorder


- Mania /Depression


- Anxiety disorder


- ADHD ( attention deficit hyperactivity disorder) 


- Autistic child 


- Learning disabilities

Roshan Kumar Pathak

Roshan Kumar Pathak

ABOUT:- Yogsadhakroshanpathak is a proficient Yog sadhak and a dedicated Yog Teacher. He has been practising yoga since 2012, when he initially came in touch with his yoga Teacher Mrs. Rama. His journey began with the practice of Ashtanga Yoga(Principles given by Maharishi Patanjali). EDUCATION & LEARNING:- Having 1 Year Diploma in Yog Vidya and Masters in Yogic Science. Sadhakroshanpathak has been dedicated practioner and faithful student of Some reputed Yogic Institutions like Bhartiya Vidya Bhavan,New Delhi,Morarji Desai National Institute Of Yoga,Gandhi Bhavan,University of Delhi,Uttrakhand Open University and All India Nature Care Federation, Where he learnt Yoga philosophy,Hatha Yoga,Principles Of Astang Yog and yogic practices. ACHIEVEMENTS:- ! -Awarded with Rastriya Nirmata Shikshak Sammaan By Member Of Parliament,West Delhi Shri Parvesh saheb Singh ji In 2018 , ! -Invited for a Yoga session by Ministry of social justice and empowerment, Govt. Of India (DR. Ambedkar International centre). ! Invited at SHEORAN INTERNATIONALSCHOOL,GREATER NOIDA for yoga session onthe occasion of international yoga day 2018. ! -Invited by JANTA COLLEGE BAKEWAR ETAWAH for yoga training in workshop on importance of yoga under Vedarna Foundation, Greater Noida. ! -Invited for judgement on ZONAL LEVEL YOGA CHAMPIONSHIP in Govt. Co-EdSr.Sec.School Lajpat nagar, New Delhi. ! -Attended yoga demonstration under all India sports yoga federation on International day of yoga. ! -SelectedforGYANODAYAaneducationalprojectbasedtrainjourneyorganizedbyDELHI UNIVERSITY.   EXPERIENCE:- ! -Currently Working as Yog Teacher with Smt.Leelawanti Saraswati shishu Mandir,Tagore Garden New Delhi Under Akhil Bhartiya Vidya Bharti Shiksha Sansthan For last 2 Years and have also done some research work in school based on Pranayama. ! -He has worked with Airport Authority Of India Women welfare ’ Association as Yoga Teacher. ! -WorkedwithNewSunShineSchoolMadangirVillageSouthDelhi. ! -Provided many Yog sessions and workshops based on Yogic management and General fitnesses through Yoga in India for last 3 Years. Remark:- Sadhakroshanpathak is now Eager to pass on and share the positive benefits of yoga practice.

राष्ट्रपति भवन

राष्ट्रपति भवन भारत के राष्ट्रपति का राजकीय निवास है। यह अदभुत एवं विशाल भवन 'रायसीना पहाड़ी' पर स्थित है। यह दुनिया की विशालतम इमारतों में से एक है। राष्ट्रपति भवन वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। इस भवन के निर्माण की सोच सर्वप्रथम 1911 में उस समय उत्पन्न हुई जब दिल्ली दरबार ने निर्णय किया कि भारत की राजधानी कोलकाता से दिल्ली स्थानान्तरित की जाएगी। इसी के साथ में यह भी निर्णय लिया गया कि नई

अचलेश्वर धाम

पंजाब के गुरदासपुर जिले के धार्मिक एवं औद्योगिक नगर बटाला से 8 किलोमीटर दूर जालन्धर रोड पर भगवान भोलेनाथ के ज्येष्ठ पुत्र 6 मुख दिखाकर ताड़कासुर राक्षस का बाल्यकाल से संहार करने वाले कार्तिक स्वामी जी को समर्पित श्री अचलेश्वर महादेव तीर्थ, देश के महानतम तीर्थों में से एक है।  यह भारत के उन गिने-चुने तीर्थ स्थानों में से एक हैं जो जितना हिंदुओं के लिए आस्था का प्रतीक है।अचलेश्वर धाम का इतिहासएक 

सिंध और महाराजा दाहिर सेन

 मुख्य विषय (toc)दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य है ये कि इतिहास के पन्नों में राजा दाहिर सेन को वो स्थान नहीं मिला जिसके वो अधिकारी थे। किन्तु भारतवर्ष की सातवीं और आठवीं सदी साक्षी रही इस परम प्रतापी राजा की जिन्होंने  679 ईस्वी में जब सिंध की राजसत्ता संभाली तो उनके सामने चुनौतियों का अंबार था। किन्तु सत्ता संभालने के बाद अपनी सूझबूझ और दूरदर्शिता से राजा दाहिर सेन इन चुनौतियों से पार पाने में सफल रहे।

Asan Bakasna

Bakasana (Crane pose) (Sanskrit: बकासन, IAST: bakāsana), and the similar Kakasana (Crow pose) (Sanskrit: काकासन, IAST: kākasana) are balancing asanas in hatha yoga and modern yoga as exercise. In all variations, these are arm balancing poses in which hands are planted on the floor, shins rest upon upper arms, and feet lift up. The poses are often confused, but traditionally Kakasana has arms bent, Bakasana (the crane being the taller bird with longer legs) has the arms straight.

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